मैं लाचार सा एक आशिक़ हूँ, हालत मेरी सरकार के भक्तों जैसी है !
अगर याद करूँ वो शुरुआती दिन ,
जैसे किसी चुनावी तैयारी में गुजर रहे थे, रात और दिन |
तब तू रोज मुझसे मिलने आती थी , कसमें वादे रोज़ नए… Read More
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